jo bat bat me gussa karte hai.




एक बार की बात है। एक राज्य में राजा का दरबार लगा था। सर्दियों के दिन थे इसलिए दरबार खुले धुप में लगा था। सब लोग बैठे हुए थे। राजा,मंत्री,दीवान,पंडित, राजा के परिवार के लोग। हर कोई बैठा हुआ था। तभी अचानक भीड़ में से एक आदमी आता है और कहता है की मुझे राजा साहब से मिलना है। मेरे पास में दो चीजे है जिनकी में परीक्षा लेना चाहता हु। राजा साहब तक बात पहुंचाई गई। राजा साहब ने कहा आने दीजिये। उस व्यक्ति को दरबार में आने की इजाजत दी गई। राजा के सामने वह व्यक्ति पंहुचा। राजा साहब ने कहा की बताओ क्या बात है। उस इंसान ने कहा की मेरे पास दो चीजे है। एक जैसी दिखने वाली एक आकार की। लेकिन इनमे से एक हीरा है और एक काँच है। और में अबतक कई राज्यों में गया हु। कई राजाओ से मिला हु। लेकिन कोई भी ये पहचान नहीं पाया है की असली हीरा कौन सा है और नकली कौन सा है।

आपकी भी परीक्षा लेना चाहता हु। में जानना चाहता हु की आपके दरबार में कोई बुद्धिमान है जो ये बता सके की कौन सा हीरा असली है और कौन नकली। और अगर किसी ने बता दिया तो ये हीरा में आपके राज्य में जमा करवा दूंगा। और अगर कोई नहीं ये बता पाया तो इस हीरे की जो कीमत है वो कीमत आपको मुझे देनी पड़ेगी। राजा साहब ने कहा ठीक है लाया जाये। राजा साहब ने अपने दीवानो, मंत्रियो और सब लोगो से कहा की एक एक कर के आइये और बताइये। कुछ लोगो ने हिम्मत की और आगे आये और कुछ लोगो ने सोचा की अगर में गलत हो गया तो सारा दोष हम पर आ जायेगा। तो इसलिए लोग आगे नहीं आए। राजा साहब को भी समझ में नहीं आ रहा था की क्या करे। उनकी हार होती जा रही थी।

तभी भीड़ में से एक अंधे बाबा बाहर निकल कर आये और उन्होंने कहा की राजा साहब से मुझे मिलने दिया जाये में भी एक बार कोशिश करना चाहता हु। राजा साहब तक बात पहुंचाई गई। की एक अंधे बाबा है वो आना चाहते है। राजा साहब ने कहा ठीक है। वो अंधे बाबा आगे आये और एक मिनट में बता दिया की असली हिरा कौन सा है और नकली कौन सा है। हर कोई चौक गया। सभी खुश हो गए। तभी राजा ने उस बाबा को अपने पास बुलाया और उनसे पूछा की बाबा एक बात तो बताइये की आपने पहचाना कैसे। तभी अंधे बाबा ने कहा बहुत आसान था।हम खुले धुप में बैठे है जो धुप में ग़र्म हो गया वो काँच और जो ठंडा रह गया वो हीरा।


शिक्षा - इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है की जिंदगी में हम कई बार छोटी-छोटी बातो पर गुस्सा करते है। अपनों से नाराज होते है। और हमारी जिंदगी में दोस्त कम होते चले जाते है। अपने कम होते चले जाते है रूठते चले जाते है। जिसने जिंदगी में आपा नहीं खोया जो विपरीत परिस्थितियों में भी टिका रहा। ठंडा रहा वही जीतता है। इसलिए हमें छोटी-छोटी बातो पर कभी गुस्सा नहीं करना चाहिए। गुस्सा करने का परिणाम हमेशा खतरनाक होता है। 



धन्यवाद्  

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